Dengue Symptoms and Treatment || डेंगू बुखार का कारण एवं बचाव


पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में आजकल डेंगू बुखार का प्रकोप चल रहा है और डॉक्टर का मानना है कि दिवाली तक डेंगू के बुखार के संक्रमण की पूरी संभावना है। इसलिए डेंगू का बुखार या Dengue Fever के बारे में जानना  और  उसके बचाव और उपचार के बारे में जानना बहुत आवश्यक है।

 डेंगू का मच्छर  ( Dengue Mosquito Name) -

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Dengue Mosquito

डेंगू का बुखार मच्छरों के द्वारा फैलता है। सभी मच्छर डेंगू के वायरस को नहीं फैलाते केवल एडीज एजिप्टी नामक मच्छर Dengue के विषाणु को फैलाता है। यह मच्छर आमतौर पर दिन के समय ज्यादा सक्रिय जाता है। इस मच्छर के पैरों में और पीठ सफेद धब्बे होते हैं। जिससे आप इसकी पहचान कर सकते हैं। यह मच्छर वर्षा ऋतु के शुरू होते ही पैदा होने लगते हैं। डेंगू के अलावा यह मच्छर जिका वायरस और अन्य तरह के बुखार को भी फैलता है। डेंगू का बुखार डेंगू के पीड़ित से अन्य व्यक्ति में नहीं फैलता है। यह केवल मच्छरों के द्वारा ही फैलता है इसलिए डेंगू पीड़ित व्यक्ति के अगल-बगल जाने से घबराएं। लेकिन यदि डेंगू पीड़ित व्यक्ति को कोई मच्छर काट लिया और वही मच्छर किसी अन्य व्यक्ति को काट ले तो इससे भी डेंगू का वायरस फैल सकता है क्योंकि जब संक्रमित व्यक्ति को कोई मच्छर काटता है तो डेंगू का वायरस मच्छर के मुंह में लार्वा के साथ घुल जाता है और अन्य व्यक्ति को काटने पर उसके शरीर में चला जाता है।

डेंगू के शुरुआती लक्षण  ( dengue symptoms in hindi ) -

dengue symptoms in hindi

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आमतौर पर शुरुआती दौर में डेंगू के लक्षण एक सामान्य सर्दी जुखाम या फ्लू के जैसे दिखाई देते हैं लेकिन 4 से 5 दिन बाद इसकी पहचान आप आसानी से कर सकते हैं। डेंगू के बुखार में मांस पेशियों में अत्यधिक दर्द होता है इसीलिए इस बुखार को हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है। डेंगू के संक्रमण के 4 या 5 दिन बाद शरीर में लाल रंग के चकत्ते पैदा होने शुरू हो जाते हैं। इसके अलावा डेंगू के मरीज को बहुत तेज बुखार और सर दर्द होता है। इनमें से एक भी लक्षण दिखाई देने पर समय से हॉस्पिटल जाना बहुत जरूरी है क्योंकि डेंगू का बुखार ज्यादा समय तक रहने पर यह जीवन के लिये घातक हो सकता है।

डेंगू से बचाव के उपाय  ( Dengue Treatment in hindi ) -

Dengue Treatment in hindi

Dengue Treatment 


आज तक डेंगू का कोई भी वैक्सीनिया टीका नहीं खोजा जा सका है। डेंगू से बचने का सबसे अच्छा तरीका है अपने अगल-बगल सफाई रखी जाए और डेंगू के मच्छर को पैदा होने से रोका जाए और ऐसी जगह पर ना जाए जाए जहां पर मच्छर हो या कपड़े पहन कर ही ऐसे जगह पर जाना चाहिए। साथ ही डेंगू के लक्षणों का पता चलते ही अपने नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करना बहुत जरूरी है। डेंगू का पता चलने के बाद मरीज को ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ पिलाने चाहिए जिससे शरीर में द्रव की मात्रा बनी रहे। डेंगू होने पर रक्त में प्लेलेट्स की संख्या कम होने लगती है जिससे इंसान की रोग प्रतिरोधक क्षमता और अधिक घट जाती है और शरीर में खून के थक्के बनना बंद हो जाते हैं जिससे नाक या मुँह खून का स्राव शुरू हो जाता है। डेंगू के घरेलू उपचार के तौर पर गिलोय का जूस नारियल का पानी और हरी सब्जियां सबसे ज्यादा मददगार होती है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक हर साल पूरी दुनिया में लगभग 10 करोड लोगों को डेंगू का संक्रमण होता है। डेंगू का वायरस आमतौर पर भारतीय उपमहाद्वीप और अफ्रीका में पाया जाता है।