23 अक्टूबर को बीसीसीआई के विभिन्न पदों पर होने वाले चुनाव के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 14 अक्टूबर थी। जिसमें सौरव गांगुली बीसीसीआई अध्यक्ष के पद के लिए निर्विरोध उम्मीदवार हैं और जिनका बीसीसीआई अध्यक्ष बनना लगभग तय हो चुका है। सौरव गांगुली 23 अक्टूबर को आधिकारिक रूप से बीसीसीआई अध्यक्ष पद की जिम्मेदारियां संभालना शुरू करेंगे।

13 अक्टूबर यानी रविवार को मुंबई के एक फाइव स्टार होटल में बीसीसीआई के कुछ ताकतवर चेहरे और राजनीति से जुड़े चेहरे फाइव स्टार होटल में जुटे हुए थे। जहां उन्होंने बीसीसीआई अध्यक्ष पद और अन्य पदों के लिए नामांकन पर चर्चा की थी। बीसीसीआई के वर्तमान अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने अध्यक्ष पद के लिए कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन के जयेश पटेल के नाम का सुझाव दिया था लेकिन मीटिंग खत्म होते होते सौरव गांगुली के नाम पर सहमति बनाई गई।

सौरव गांगुली को भी खुद इस बात पर भरोसा नहीं हुआ कि उनका नाम अध्यक्ष पद के लिए चुना गया है क्योंकि मीटिंग के दौरान जब बीच में सौरव गांगुली बाहर मीडिया से बात करने आए थे तो उन्होंने साफ कहा था कि जयेश पटेल BCCI अध्यक्ष बनने के प्रबल दावेदार है। उनका नाम कहीं दूर नहीं दिखाई दे रहा। लेकिन देर रात 10:30 बजे तक चली मीटिंग के बाद आखिरकार सौरव गांगुली का नाम  बीजेपी अध्यक्ष पद के लिए फाइनल कर दिया गया। बताया जा रहा है कि मीटिंग के दौरान दिल्ली से बीजेपी के बड़े-बड़े नेताओं के कॉल इस मीटिंग में आए थे। जिसके बाद ही सौरव गांगुली का नाम फाइनल किया गया।


आपको बता दें कि भारत के गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह भी निर्विरोध बीसीसीआई के नए सेक्रेटरी चुने गये है और भारतीय केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के भाई को बीसीसीआई में एक बड़ा पद दिया गया है। कुछ समय पहले ही सौरव गांगुली अमित शाह से मिलने उनके घर गए थे। इस मीटिंग के बाद से ही सौरव गांगुली का नाम बीसीसीआई अध्यक्ष पद के लिए सामने आया था। बताया जा रहा है कि 2020 में बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव में सौरव गांगुली बीजेपी की तरफ से चुनाव प्रचार करने उतर सकते हैं। जिसके लिए बीजेपी ने उन्हें विशेष अध्यक्ष पद के लिए नामांकित किया है।
हालांकि बीसीसीआई अध्यक्ष पद के लिए सौरव गांगुली का नाम चुने जाने के बाद बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी ट्वीट करके सौरव गांगुली को बधाई दी थी।

सौरव गांगुली ने मीटिंग खत्म होने के बाद कहा था कि पिछले 3 सालों में बीसीसीआई का नाम बहुत खराब हुआ है यह सही समय है जब मुझे मौका दिया जा रहा है BCCI की छवि को एक बार फिर से सुधारने का। उन्होंने साथ में यह भी कहा कि बीसीसीआई को घरेलू क्रिकेट में ध्यान देने की बहुत ज्यादा जरूरत है और वह अगले 3 सालों में अपनी टीम के साथ मिलकर घरेलू क्रिकेट की हालत सुधारने का पूरा प्रयास करेंगे। अब देखना होगा कि अगले 3 सालों तक सौरव गांगुली के अंदर बीसीसीआई भारतीय क्रिकेट को किस दिशा की ओर ले जाती है। माना यह भी जा रहा है कि सौरव गांगुली अमित शाह के बेटे जय शाह और अनुराग ठाकुर के भाई के bcci में शामिल होने के बाद भारतीय क्रिकेट बोर्ड पर बीसीसीआई का पूरी तरह से नियंत्रण स्थापित हो चुका है।